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15 महीने से फरार शातिर ठग दीपक झा गिरफ्तार, फर्जी ऑर्डर देकर करोड़ों की ठगी का आरोप

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15 महीने से फरार शातिर ठग दीपक झा गिरफ्तार, फर्जी ऑर्डर देकर करोड़ों की ठगी का आरोप

Delhi Online Fraud Case: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हाथ लगी है. ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में वांछित चल रहा और अदालत से ‘भगोड़ा’ घोषित किया गया एक कुख्यात अपराधी दीपक कुमार झा आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ गया है. यह गिरफ्तारी सिर्फ एक आरोपी की नहीं, बल्कि देशभर में फैले ठग नेटवर्क के एक बड़े हिस्से के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई मानी जा रही है.

कौन है कुख्यात अपराधी दीपक झा?

दीपक कुमार झा मूल रूप से बिहार का निवासी है लेकिन वर्तमान में पंचशील कॉलोनी, साहिबाबाद (गाज़ियाबाद, यूपी) में रह रहा था. पढ़ा-लिखा और चालाक दीपक इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए व्यवसायियों और आम लोगों को निशाना बनाता था. वह साइबर अपराध की दुनिया में एक नया नाम नहीं था बल्कि इसके खिलाफ दिल्ली पुलिस के विभिन्न थानों में पहले से कई गंभीर मामले दर्ज हैं.

अलग-अलग स्कीम के जरिए लोगों को लगाया चूना

दीपक का ठगी करने का स्टाइल बेहद पेशेवर और बहुआयामी था. उसने अलग-अलग स्कीमों के जरिए लोगों को चूना लगाया. उसके दो मुख्य हथियार थे 

1. फर्जी व्यापारिक ऑर्डर स्कीम

दिल्ली के पूठ खुर्द इलाके में स्थित कप फैक्ट्री चलाने वाले साहिल मांचंदा को दीपक ने ‘फर्जी कंपनी प्रतिनिधि’ बनकर संपर्क किया. उसे 2 टन डिस्पोजेबल कप का ऑर्डर दिया गया. 2.80 लाख के चेक के बदले में माल डिलीवर करवा लिया गया. जब चेक बाउंस हो गया, तो साहिल ने आरोपी को कॉल किया लेकिन फोन बंद. ऑफिस, जो एक किराए की जगह पर था, भी खाली मिला.

2. बीमा पॉलिसी बोनस स्कीम

दूसरे मामले में दीपक ने अजय पाल नामक व्यक्ति को ‘बीमा लोकपाल बिल’ नामक फर्जी सरकारी योजना का हवाला देते हुए भरोसे में लिया. उसने कहा कि अजय की पुरानी इंश्योरेंस पॉलिसी पर सरकार 10 लाख का बोनस दे रही है, लेकिन इसके लिए कुछ ‘क्लेम प्रोसेसिंग’ फीस भरनी होगी. अजय ने किस्तों में लगभग 20 लाख दीपक को ट्रांसफर किए. जैसे ही रकम पूरी हुई, दीपक ने संपर्क तोड़ दिया.

पहले भगोड़ा घोषित और अब हुई गिरफ्तारी

दीपक के खिलाफ दिल्ली के क्राइम ब्रांच थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 122/2015 और एफआईआर संख्या 80/2016 में पहले ही चार्जशीट दाखिल हो चुका था. 2024 में कोर्ट ने उसे गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया और जनवरी में धारा 82 सीआरपीसी के तहत ‘Proclaimed Offender’ घोषित कर दिया गया.

गुप्त सूचना के बाद दीपक झा को पुलिस ने दबोचा

पुलिस को दीपक की गिरफ्तारी तब संभव हो पाई जब हेड कांस्टेबल सुधीर को 5 मई की सुबह एक विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी साहिबाबाद के पास देखा गया है. तुरंत एक विशेष टीम गठित की गई सभी अधिकारी सादे कपड़ों में मौके पर पहुंचे और योजनाबद्ध तरीके से दीपक को घेरकर दबोच लिया गया. गिरफ्तारी इतनी तेज और सटीक थी कि आरोपी को भागने का मौका तक नहीं मिला.

आगे की कार्रवाई और जांच का दायरा बढ़ा

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दीपक से पूछताछ शुरू कर दी है, जिसमें कई और मामलों की परतें खुलने की संभावना जताई जा रही है. पुलिस को शक है कि दीपक एक संगठित ठग गिरोह का हिस्सा है, जिसमें कई राज्यो के लोग शामिल हो सकते हैं. उसके बैंक ट्रांजैक्शनों, मोबाइल नंबरों, फर्जी दस्तावेजों और डिजिटल डिवाइसेज़ की जांच की जा रही है.

 

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