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‘तूफान भी नहीं हिला सकेगी…’, मालवण किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की नई प्रतिमा स्थापित

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‘तूफान भी नहीं हिला सकेगी…’, मालवण किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की नई प्रतिमा स्थापित

Chhatrapati Shivaji Maharaj: मालवण किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी, जिसके बाद पूरे राज्य में लोगों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया. जनभावनाओं को देखते हुए सरकार ने पहले से भी भव्य और मजबूत प्रतिमा लगाने का आश्वासन दिया था. उसी के अनुसार रविवार को सिंधुदुर्ग के मालवण किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की नई प्रतिमा स्थापित की गई है. 

इस भव्य समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, सार्वजनिक निर्माण मंत्री शिवेंद्रसिंहराजे भोसले, नितेश राणे, सांसद नारायण राणे और विधायक निलेश राणे उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान शिव आरती के साथ परिसर छत्रपति शिवाजी महाराज की जयजयकार से गूंज उठा.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि यह प्रतिमा ऐसी तकनीक और सामग्री से बनाई गई है कि तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी इसे हिला नहीं सकेंगी. इसकी मजबूती और संरचना का डिजाइन तूफानों की तीव्रता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. यह प्रतिमा कम से कम 100 वर्षों तक किसी भी वातावरण में सुरक्षित रह सकती है.

उन्होंने आगे कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण हमारे लिए गर्व का क्षण है. यह प्रतिमा उसी तेजस्विता और स्वाभिमान से खड़ी हुई है. मालवण किले की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद हमने रिकॉर्ड समय में यह नई प्रतिमा स्थापित की है. मैं सार्वजनिक निर्माण विभाग को बधाई देता हूं. शिवेंद्रराजे भोसले और रविंद्र चव्हाण के कार्यकाल में यह कार्य तेज़ी से हुआ. मूर्तिकार सुतार साहब ने उत्कृष्ट प्रतिमा तैयार की है.”

इस प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 93 फीट है, जिसमें से 60 फीट प्रतिमा और 10 फीट ऊंचा चबूतरा शामिल है. यह देश की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है. इसकी संरचना में IIT के इंजीनियरों और जेजे कॉलेज के शिल्पकारों का योगदान रहा है.

शिल्पकार अनिल सुतार ने बताया कि पहले की प्रतिमा में लोहे का अधिक उपयोग हुआ था, जिससे कुछ महीनों में ही उसमें जंग लग गया था. नई प्रतिमा में ब्रॉन्ज और जिंक जैसे टिकाऊ धातुओं का उपयोग किया गया है, जैसे कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा में किया गया था. यह प्रतिमा तूफानों में भी सुरक्षित रहेगी, यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष तकनीकी उपाय किए गए हैं.

इस प्रतिमा का रख-रखाव अगले 10 वर्षों तक निर्माण करने वाले ठेकेदार के जिम्मे होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने संकल्प लिया था कि किसी भी परिस्थिति में छत्रपति शिवाजी महाराज की गरिमा के अनुरूप प्रतिमा स्थापित करेंगे, और वह अब पूरा हो चुका है.

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “हमारा संकल्प था कि किसी भी परिस्थिति में छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य और तेज को दर्शाने वाली एक भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी, और वह आज हमारे सामने है. भविष्य में ‘शिवसृष्टी’ की थीम पर इस परिसर का और भी विकास किया जाएगा ताकि लोग शिवरायों की भव्यता का अनुभव कर सकें.” उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना कोकण युति के एजेंडे में प्राथमिकता पर है और कोकण क्षेत्र के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि सुरक्षा को लेकर भी समीक्षा की गई है, वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए थे और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर को संशोधित किया गया है. जिला स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है.

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