
वक्फ कानून को लेकर सरकार के समर्थन में उतरा सूफी इस्लामिक बोर्ड, लिया ये बड़ा फैसला
Sufi Islamic Board On Waqf: सूफी इस्लामिक बोर्ड (एसआईबी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंसूर खान ने सोमवार (5 मई) को कहा कि एसआईबी वक्फ (संशोधन) अधिनियम के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा. इसके साथ ही उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-हिंद व ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के नेताओं पर इसके प्रावधानों को लेकर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया.
मंसूर खान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सूफी मुसलमान संसद द्वारा पारित संशोधित कानून का दृढ़ता से समर्थन करते हैं. उन्होंने दावा किया कि पिछले प्रावधानों का कुछ संगठनों और व्यक्तियों द्वारा वक्फ की भूमि हड़पने के लिए दुरुपयोग किया गया और आम मुसलमानों के कल्याण की उपेक्षा की गई.
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग जो पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े थे, अब एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता बन गए हैं.
‘मुसलमानों को उकसाया जा रहा’
मंसूर खान ने आरोप लगाया, ‘वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने के आरोपी अब मुसलमानों को वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध करने के लिए उकसा रहे हैं. एआईएमपीएलबी और जमीयत के नेता मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं. जब भी उनके हितों को खतरा होता है, तो वे झूठा दावा करके जनता को लामबंद करते हैं कि शरीयत खतरे में है.’
‘बहकावे में न आएं मुस्लिम युवा’
खान ने मुस्लिम युवाओं से आग्रह किया कि वे वक्फ अधिनियम संशोधनों का विरोध करने वालों के बहकावे में न आएं. किसी व्यक्ति का नाम लिए बिना खान ने दोहराया कि कानून में संशोधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के पीछे वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग के आरोपी लोग हैं.
उन्होंने कहा कि सूफी इस्लामिक बोर्ड जल्द ही संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन अधिनियम के समर्थन में उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर करेगा. एआईएमपीएलबी और जमीयत जैसे संगठनों ने नए अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है.
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